एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023
इस दिल की गहराई को कोई नापता नहीं
इस दिल की गहराई को कोई नापता नहीं
तेरे बिना यह दिल लगता भी कब है कहीं
इक दिन आएगी मेरे पास यही लगन लगी
इस दिल की प्यास बुझेगी यही सजन लगी
मैं कितना चाहता हूं सुन ऐ मेरे क़ातिल तुझे
कब सदा के लिए मिल जाएगी इक दिन मुझे
तेरे बिना यह दिल लगता भी कब है कहीं
इस दिल की गहराई को कोई नापता नहीं
कविता झा'काव्य'अविका
# लेखनी
#आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियां
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Sep-2023 08:47 PM
Nice
Reply